नेपाल ने भारत के सभी न्यूज चैनलों को अपने देश में दोबारा दिखाए जाने की इजाजत दी, 9 जुलाई को प्रतिबंध लगाया था

पिछले महीने बैन किए गए भारतीय न्यूज चैनलों को नेपाल में फिर से शुरू कर दिया गया है। नेपाल के डिश होम मैनेजिंग डायरेक्टर सुदीप आचार्य ने बताया कि हाल ही में बैन किए गए सभी भारतीय न्यूज चैनलों को फिर से दिखाए जाने की अनुमति मिल गई है। नेपाल के प्रधानमंत्री और उनकी सरकार की कड़ी आलोचना की वजह से नेपाल में ये कदम उठाया गया था।
9 जुलाई को दूरदर्शन छोड़कर सभी न्यूज चैनल बैन किए थे
नेपाल ने 9 जुलाई को दूरदर्शन को छोड़कर सभी भारतीय न्यूज चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया था। आरोप था कि भारतीय न्यूज चैनल नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और नेपाल में चीनी राजदूत को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। न्यूज एजेंसी ने बताया था कि इसी के मद्देनजर मल्टी सिस्टम ऑपरेटर (एमएसओ) ने नेपाल में भारतीय न्यूज चैनलों को ब्रॉडकास्ट न करने का फैसला किया था।
नेपाल पूर्व पीएम ने भी की थी आलोचना
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रवक्ता एनके श्रेष्ठ प्रकाश ने भारतीय चैनलों की खूब आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि नेपाल के प्रधानमंत्री और नेपाल की सरकार के खिलाफ भारतीय चैनलों के आधारहीन आलोचनाओं ने सारी हदें पार कर दी हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था कि अब यह कुछ ज्यादा ही हो रहा है, इसे तत्काल बंद करना चाहिए।
नए नक्शे को लेकर शुरू हुआ विवाद
भारत ने लिपुलेख से धारचूला तक सड़क बनाई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका उद्घाटन किया था। इसके बाद ही नेपाल की सरकार ने विरोध जताते हुए 18 मई को नया नक्शा जारी किया था। भारत ने इस पर आपत्ति जताई थी।
कब से और क्यों है विवाद?
- नेपाल और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच 1816 में एंग्लो-नेपाल जंग के बाद सुगौली समझौते पर दस्तखत हुए थे।
- समझौते में काली नदी को भारत और नेपाल की पश्चिमी सीमा के तौर पर दिखाया गया है।
- इसी आधार पर नेपाल लिपुलेख और अन्य तीन क्षेत्र अपने अधिकार क्षेत्र में होने का दावा करता है।
- हालांकि, दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। दोनों देशों के पास अपने-अपने नक्शे हैं।
ये भी पढ़ सकते हैं...
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2DbAntM
Post Comment
No comments